Thursday, May 26, 2011

ये प्यार की शुरुआत थी


पलकें नम , लबों पर आस थी
चैन कम, मिलने की प्यास थी
वक़्त थमा, चुप सी ये रात थी
जली शमा, ये प्यार की शुरुआत थी

दिल दहका, रुत ये रंगीन थी
मन बहका, वो इतनी हसीन थी
दिन खिला, शर्मा रही कायानात थी
हमराही मिला, ये प्यार की शुरुआत थी

दीदार हुआ, हया की भरमार थी
इज़हार हुआ, ना कोई टकरार थी
डरी बहकी, वो पहली मुलाकात थी
चहकी चहकी, ये प्यार की शुरुआत थी

मतवाला अहसास, बातों में कमी थी
लम्हा वो खास, साँसें यूँ थमी थी
सहमी नज़र, कुछ निराली बात थी
क्या थी खबर, ये प्यार की शुरुआत थी.



4 comments:

  1. jahan jahan pyar likha hai mujhe pyaas pada ja raha

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  2. wah kya baat hai....achi hai...better than d previous one.

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  3. me shayar to nahin magar aie haseen ,jabse dekha maine tujhko mujhko shayri aa gayi... nice 1 keede ..ohh love <3

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